चलती है जिदंगी
जब तक रफ्तार हो
न छोड़ उम्मीद का दामन
चाहे आखिरी सांस हो
जियो इस तरह जिदंगी
कि जहाँ को तुम पर
नाज हो।
जब तक रफ्तार हो
न छोड़ उम्मीद का दामन
चाहे आखिरी सांस हो
जियो इस तरह जिदंगी
कि जहाँ को तुम पर
नाज हो।
निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते अचानक यूं छोड़ जाता है कोई सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...
Superb ! Keep it up dear!
ReplyDeleteBahut Sundar.. 🙏😊
ReplyDeletewell said lively
ReplyDeletewell said lovely
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