Monday, March 22, 2021

मुहब्बत

 करते है सभी मुहब्बत

बड़ी मुश्किल से होती मुहब्बत

पर होती नही है मुहब्बत

मिल जाए तो आबाद मुहब्बत

ना मिले तो बर्बाद मुहब्बत

कही मिलन के गीत मुहब्बत

कही विरह का राग मुहब्बत

कही हंसी की फुहार मुहब्बत

कही आंसू की धार मुहब्बत

रंग ही रंग मुहब्बत

है बदनाम मुहब्बत

पर छोड़े ना किसी को 

खाक मुहब्बत।

Monday, March 15, 2021

गम नहीं

 हो जाओ दूर तो कोई गम नही,

अब और सहेंगे सितम नहीं,

फिर से मिलने की हसरत ना रही,

धुंधली हो गई अब यादें भी तेरी,

सूख गए है आंसू आंखों में ,

नमी की कमी अब हो गई आँखो में,

काटे नही कटते थे लम्हे तेरे बिन,

इंतजार की अब वो घड़ियां ना रही,

लिखती थी तेरे प्यार में अफसाने तमाम,

खामोश हुए अल्फाज उनमें वो कशिश ना रही,

हो जाओ दूर तो कोई गम नही।

अब और सहेंगे सितम नहीं ।।

Wednesday, March 10, 2021

अरज

 हे त्रिपुरारी सुन लो अरज हमारी

आई है दुखियारी शरण तिहारी

हे महाकाल हे स्वामी

तेरी महिमा न्यारी

आई है दुखियारी शरण तिहारी

हर लो रोग संताप

दो आरोग्य करो निष्पाप

हर लो अज्ञान शोक अंधियारा

खुशी हो हर घर मुस्कुराए जग सारा

जूझ रहा विफलताओं से मन 

दिखा दो राह सूरज बन

हे कैलाश के वासी

सुन लो अरज हमारी।

आई है दुखियारी शरण तिहारी


Thursday, March 4, 2021

सूखे पत्ते

 बिखरे है जमी पर कुछ सूखे पत्ते

जो थे अभी कुछ सूखे कुछ मटमैले

जिन्हें देख कहते थे कभी 

नई कोपले आई

गिरते है आज वही पेड़ो से 

बन पतझड़ की गवाही

खेला था जिनकी छांव में कभी बचपन

छीन रही छांव सूखे पत्ते बन

जो देते थे कभी 

इतिहास की गवाही

बिखरे पड़े हैं आज 

सुनता न कोई दुहाई

सहेज लो हर सूखे पत्ते

जुड़ी है जिंदगी जिनसे

पेड़ो से टूट गए जो पतझड़ में

हो जायेंगे हरे वसंत में

मुरझा गए जो जीवन में 

ना खिलेंगे फिर कभी किसी मौसम में

समेट लो हर सुखा पत्ता

क्यों की सूखे पत्तों से ही इतिहास बनता।

Wednesday, March 3, 2021

हे शारदे वर दे

 हे हंसवाहिनी वर दे

हे शारदे वर दे

हर अज्ञान तिमिर

ज्योति पुँज भर दे

हे शारदे वर दे

शब्दो को सँवार

वाणी में ओज भर दे

हे वीणावादिनी वर दे

दूर कर कलुषित विचार

मन सद्गुणों से भर दे

हे शारदे वर दे

मिटे नफरत का अंधियारा

बहे प्रेम प्रकाश की धारा

ऐसा जीवन सुंदर दे

हे शारदे वर दे।

सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...