Saturday, April 30, 2022

शुक्रिया

 तुम्हारे दिए हुए हर दर्द का शुक्रिया।,

मरहम के बदले मिले हर ज़ख्म का शुक्रिया। 


वक़्त बेवक़्त तुम्हारे इंतज़ार का शुक्रिया,

हर फरेब का शुक्रिया, तुम्हारे प्यार का शुक्रिया।


बातों में जो बीती थी हर उस रात का शुक्रिया,

जो बढ़ा गई तड़प उस मुलाकात का शुक्रिया।


हो गई अनजान खुद से, उन हालात का शुक्रिया,

हाथ छुड़ाकर तोड़े गए जज़्बात का शुक्रिया।


मुश्किलों का शुक्रिया बेचैनी का शुक्रिया।

मिलता नहीं सुकून, तुम्हारी बेरुखी का शुक्रिया।


शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया!

         

Thursday, April 21, 2022

इंकार

 प्यासी निगाहें करे इंतजार,

पर लबों को है इंकार।


दिल में है मधुर अरमान,

मगर ना करे इजहार।।


कहे ना कभी हाले - दिल,

समझूं कैसे है यही मुश्किल।


डरा कर खुद डर जाते हैं,

भिगोकर वे कतराते हैं।


ना मिलो तो पास बुलाते हैं,

मिलने से  नजर बचाते हैं।


हम जो हुए दूर याद बहुत आयेंगे,

चाहोगे जो भूलना,भुला ना पाओगे।

Tuesday, April 5, 2022

किस तरह

 देखती हूं तुम्हे इस तरह

चांद को निहारे चकोर जिस तरह

महसूस करती हूं इस तरह

सीने में धड़कन जिस तरह

शामिल हुए तुम जिंदगी में ऐसे

शामिल हो जिंदगी में सांसे जैसे

तड़पती हूं तेरी याद में इस तरह

धूप में तपती हो रेत जिस तरह

भीड़ में तुम हो तन्हाई में तुम हो

सुबह में तुम हो शाम में तुम हो

असर है तेरा इस तरह

शामिल हो जिंदगी में आदत पुरानी जिस तरह

समझ के जो ना समझे

समझाऊं उसे किस तरह?

सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...