तुम्हारे दिए हुए हर दर्द का शुक्रिया।,
मरहम के बदले मिले हर ज़ख्म का शुक्रिया।
वक़्त बेवक़्त तुम्हारे इंतज़ार का शुक्रिया,
हर फरेब का शुक्रिया, तुम्हारे प्यार का शुक्रिया।
बातों में जो बीती थी हर उस रात का शुक्रिया,
जो बढ़ा गई तड़प उस मुलाकात का शुक्रिया।
हो गई अनजान खुद से, उन हालात का शुक्रिया,
हाथ छुड़ाकर तोड़े गए जज़्बात का शुक्रिया।
मुश्किलों का शुक्रिया बेचैनी का शुक्रिया।
मिलता नहीं सुकून, तुम्हारी बेरुखी का शुक्रिया।
शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया!