पाला है तुम्हें फूलों सा
शूलों सा मत बनना
संवारा है प्यार से बचपन
मेरे बुढ़ापे में साथ रहना।
भूल से भूल हो जाये कोई मुझसे
अपनी भूलों को तुम याद करना
कदम जब लड़खड़ाए मेरे तो
अपना पहला कदम याद करना।
देना मेरे आंखों में आसूं बेशक
अपने बचपन का रुदन सुन
हमारा दुलार मनुहार याद करना
अनसुनी करो जो कभी पुकार हमारी
अपने बचपन की पुकार याद करना।