Thursday, November 26, 2020

याद रखना

 पाला है तुम्हें फूलों सा

शूलों सा मत बनना

संवारा है प्यार से बचपन

मेरे बुढ़ापे में साथ रहना।


भूल से भूल हो जाये कोई मुझसे

अपनी भूलों को तुम याद करना

कदम जब लड़खड़ाए मेरे तो

 अपना पहला कदम याद करना।


देना मेरे आंखों में आसूं बेशक

अपने बचपन का रुदन सुन 

हमारा दुलार मनुहार याद करना

अनसुनी करो जो कभी पुकार हमारी

अपने बचपन की पुकार याद करना।


Friday, November 20, 2020

मगर

 माना कि विफलता

दिल तोड़ जाती है

मगर विफलता ही तो

सफलता की राह दिखाती है।


मुश्किलें राह भटकाती है

मगर मुश्किलों के पार ही

मंजिल मिल पाती है।

घोर निराशा में गम के 

गहराते बादल जो बरस जाते हैं

चीर कर निराशा की नीरवता

आसमानी उजाले का पट 

झट से खोल जाते हैं।



ना उम्मीदी जब मायूस करे

ना उम्मीदी ही फिर फिर

उम्मीद का फूल खिलाती है

जो हो हौसला बुलंद तभी तो

नन्ही चींटी पहाड़ चड़ जाती है।



सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...