Friday, September 29, 2023

नफरत

 कहते हैं नफरत के एक पल में, प्यार के कई साल भूल जाते हैं।


बनकर अश्क  प्यार के हर वो पल आंखो से आज भी निकल जाते हैं।।



भरी धूप हो या बारिश का मौसम,

मिलने का  इंतजार  हरदम

उसका एक बार बुलाना,

सब छोड़ कर मेरा चले जाना।

रास्ते की मीनार, वो चौराहे का मकान, दाएं मुड़ कर बस रुक जाना।।




याद है अब भी खुद को ना रोक पाना,

तेज सांसों के साथ जीने पर चढ़ते जाना।

खुलते दरवाजे के साथ उस से लिपट जाना।।


छेड़ कर मुझे फिर उसका प्यार दिखाना,

उसकी बस इसी अदा पर मेरा दिल हार जाना।

खोकर उसमें खुद को पा जाना।

याद है सब ऐसे जख्म ताजा हों जैसे।


कैसी है ये नफरत जिसमें 

दूर होकर भी है इंतजार।

याद है उसकी बेवफाई भी मगर,

दिल को तड़पाता है  सिर्फ उसका प्यार।।

Friday, September 8, 2023

डायरी के पन्ने


न हो मुलाकात तो डायरी के पन्ने बुलाते हैं।

मैं लिखती नहीं, बीते लम्हे मुझसे लिखवाते हैं।


सुबह की मुस्कान, कभी शाम की थकान दोनों,

अक्सर अक्षर बनकर  कागज पे उतर आते हैं।


देख इसका  रूप कलम मचल जाती है।

मेरे शब्द सारी खुशी, सब गम बयां कर जाते हैं।


कभी मिलन की ओस  बदन की सिहरन बढ़ाती है

कभी विरह के आंसू मेरे दामन को  भिंगाते हैं।।


बचपन गुनगुनाता है कभी अल्हड़पन जवान होता है। 

कभी मन का भेद,  दुनियां की हकीकत बताते हैं।।


डायरी के पन्ने और कलम में मेरी दुनिया समाती है।

मैं लिखती नहीं, बीते लम्हे मुझसे लिखवाते हैं।।



सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...