Friday, January 28, 2022

मां

 तपती धूप में शीतल सी छाँव है माँ।

ठिठुरती ठंड में जो ऊष्मा अलाव है माँ।।


मुरझाए जीवन को खिलाए वह बरसात है माँ।

हटाकर शूल जो खिलाए फूल

वह वसंत है माँ।।


ऊपर से सख्त और भीतर से नर्म है माँ।

कभी ठंडा और कभी बहुत गर्म है माँ।।


आने दो पापा को कहकर डराती है माँ।

पर डाँटने पर खुद ही बचाती है माँ।।


सुधर जाओ है कमियाँ बहुत गिनाती है माँ।

पर अकेले में खूबियाँ ही बताती है माँ।।


है एक शब्द माँ, पर शब्दों से परे है माँ।

जीवन का मान, सम्मान व आधार है माँ।।

Sunday, January 16, 2022

गुनाह

 होकर इश्क में फना ये गुनाह कर बैठे

इश्क को इबादत सनम को खुदा मान बैठे


मंजूर है इश्क में हर सजा

ऐलान ये खुले आम कर बैठे।


ना आए वो शिकायत नही 

पलके बिछा इंतजार ताउम्र कर बैठे।


होगा अंजाम ए मुहब्बत क्या ये रब जाने

सैयाद को हम दिल हार बैठे।

Tuesday, January 11, 2022

उलझन

 देख कर उसको देखा ना खुद को कभी

जान कर उसको कुछ जानने की चाहत नही

उसको देखू उसको चाहूं

भुलाए भी भूल ना पाऊं

जहां भी जाती हूं

बस उसे ही पाती हूं

खुली आंखों तक तो ठीक था 

बंद आंखो में भी उसे ही पाती हु

लिखती हु उसे उसे ही गुनगुनाती हूं

खोई हूं उसके खयालों में ऐसे

बन रहा वो अंजान, नादान हो जैसे

जान के जो हो अंजान हों जैसे

हाल ए दिल बताऊं उसे कैसे?

उलझन ये सुलझाऊ कैसे?

समझ नही पाती हूं।

Thursday, January 6, 2022

वो इस तरह मेरी जिंदगी में आया

 वो इस तरह जिंदगी में आया

बना कर अपना किया सबको पराया

वो इस तरह से जिंदगी में आया

कोई कमी थी उसके बिना

भटक रहा था दिल रांहो में 

मिला सुकून उसकी पनाहो में

एक भटके राही को मिला ठिकाना

वो इस तरह जिंदगी में आया

उसके नूर से रोशन है दुनिया मेरी

उसकी चाहत ताउम्र बाकी रहे

हो जाए जो  बंद आंखे दीवानगी बाकी रहे

बदले से लगते है नजारे

फूल तो फूल पत्थर भी लगते प्यारे

नही कोई शिकायत ऊपरवाले से

जिंदगी के सफर में वो मंजिल बन आया

वो इस तरह से जिंदगी में आया

बना कर अपना किया सबको पराया।

Wednesday, January 5, 2022

मुझे दे दो

 नही चाहिए कुछ तुमसे

देना है तुम्हें कुछ, कहा था मुझसे।


देना है तो अपने गम दे दो

बहता है जो दर्द आंखो से

वो दर्द सनम दे दो।।


माथे की लकीरों की शिकन दे दो

नींद ना लाए जो रातों में

वो बेचैनी उलझन दे दो।


कोई याद जो छीने मुस्कान

वो सारी यादें सनम दे दो।।


ना चाहिए दौलत शोहरत तेरी

ना जिस्म की चाहत मेरी

देना है तो बस एक मन 

हमदम दे दो।

सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...