Saturday, July 31, 2021

तुम नही हो

 है वही सावन, वही बूंदों की फुहार 

बस तुम नही हो।

है गुलशन में ,बहार ही बहार

बस तुम नही हो।।


भाती थी तुम्हे जो चूड़ियां

जो साजो श्रृंगार,

बज रहे हैं आज भी पैरों में

पायल की झंकार,

सब है,बस तुम नही हो।


है आज भी तुम्हारा एहसास

करती हूँ महसूस, हो मेरे पास

यादें हैं,बस तुम नही हो।।


कहा था तुमने ,भींगेंगे सावन में तन मन,

खिल उठेगा जीवन ,जिंदगी होगी मधुबन,

है वही बरसात

बस तुम नही हो।

हर शब्द में था छलावा

रह गया बस पछतावा

मेरा दिल है तेरे  पास,

बस तुम नही हो।।

Friday, July 16, 2021

फादर्स डे

 लिखूं कैसे कुछ शब्दों में 

बहता है जो लहू रगो में।


सिर्फ एक दिन नही अर्पित

है उन पर जीवन समर्पित।।


घर में उनको रुलाते है

तस्वीरों में फादर्स डे मनाते हैं।


जिनके आशिषों  से जीवन मे छाया

सिर्फ एक दिन उनके हिस्से में आया?


पाकर जीवन उनसे इस कदर खो जाते हो,

निकाल उन्हें जीवन से फादर्स डे मनाते हो।


करना है जो कुछ अर्पण,

दिखावा नहीं ,करो समर्पण।।


बैठो उनके पास बिताओ कुछ पल

सेवा से जिनके होता जीवन सफल।

सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...