एक साल और गया
थोड़े गम थोड़ी खुशियां दे गया
एक और साल गया
कोई चाहत हुई ख़ुद ही पूरी
कोई ख्वाहिश रह गई अधूरी
थोड़ा सयाना थोड़ा नादान बना
एक और साल गया
थोड़ा सहला गया थोड़ा तड़पा गया
भर कर झोली थोड़ी कुछ साथ ले गया
दिखा सपने कई कई याद छोड़ गया
दर्द दे बेहिसाब चंद अल्फाज छोड़ गया
जिंदगी है सुख दुख का संगम
एक और बार सीखा गया
एक और साल गया।
थोड़े गम थोड़ी खुशियां दे गया
एक और साल गया
कोई चाहत हुई ख़ुद ही पूरी
कोई ख्वाहिश रह गई अधूरी
थोड़ा सयाना थोड़ा नादान बना
एक और साल गया
थोड़ा सहला गया थोड़ा तड़पा गया
भर कर झोली थोड़ी कुछ साथ ले गया
दिखा सपने कई कई याद छोड़ गया
दर्द दे बेहिसाब चंद अल्फाज छोड़ गया
जिंदगी है सुख दुख का संगम
एक और बार सीखा गया
एक और साल गया।