Monday, May 30, 2022

कुछ और बात होती

 निगाहों में  केवल बसाया मुझे बस,

दिल में बसाते तो कुछ और बात होती।


दो घूंट पिलाकर तो चाहत बढ़ा दी,

प्यास पूरी बुझाते तो कुछ और बात होती।


सराहा जिस्म की खूबसूरती को केवल,

मन को भी देख पाते तो कुछ और बात होती।


चले दो कदम साथ मेरे मगर तुम,

हमसफर  बन जाते तो कुछ और बात होती।


वादा कभी  कोई था ही नहीं पर

साथ मेरा निभाते तो कुछ और बात होती।


समझ ली अनकही मेरी बातें भी लेकिन,

जो कहा, समझ जाते तो कुछ और बात होती।



समझा तुमने सारे ज़माने को बेहतर,

मुझको भी समझ पाते तो कुछ और बात होती।

Wednesday, May 18, 2022

हम नहीं


जानती हूं बसता जो तेरी नजर में
वह प्यार हम नहीं।

बेरुखी की तपिश  से सुख जाए 
वो गुलाब हम नहीं।

सुखा लिया है हमने अब आंसुओं को अपने
बिखर के जो टूट जाए
वो कांच हम नहीं।

निखारा जिस गुलशन को
प्यार के फूलों से
हो गए रुखसत बहारों के हकदार हम नहीं।

छला है खुद ही खुद को प्यार के नाम पर
कैसे कहे  खता नही, गुनहगार हम नहीं।

Monday, May 16, 2022

दर्द ए दिल

 सपनों में पास बुलाते हैं, सामने से नजर चुराते हैं।

निहारते हैं वह उन राहों को जिनसे हम आते जाते हैं।


टकरा जाएँ राहों में तो राह बदल के जाते हैं।

जाने क्यों अन्दर ही अन्दर से बेचैन हो जाते हैं।


हाल ए दिल पूछो तो   हर बार टाल जाते हैं।

खोलना चाहें दिल के राज मगर जाने क्यों घबराते है?


भावनाओं के समंदर में हमें वे डुबा जाते हैं।

हमको देखकर परेशान दूर से  मुस्कुराते हैं।


बढ़ जाती है जो उलझन फिर हम कलम उठाते हैं।

दर्द ए दिल लफ़्ज़ों में   लिखकर बताते हैं।

Tuesday, May 10, 2022

इंतजार की घड़ियां

 जुड़ा है कई बार टूट कर ये  हमारा दिल।

है नाजुक  तुम्हारा दिल जो टूटा तो बड़ी मुश्किल।


मेरा दिल मोम के जैसा  पिघल कर  हो जायेगा।

तुम्हारा दिल जो टूटा,  राह का पत्थर हो जायेगा।


तुम कहते हो जिसे पागल

जब वही न होगा वही कल

तुम्हारी होशियारी का नाज कौन उठाएगा?



परेशान करती है जो बातें तुम्हें बहुत याद आएंगी।

नजरे ढूढेंगी मुझे  पर मेरी परछाई भी नजर न आएगी।


करते हो रुखसत जबरन जिन्हें तुम आज मेरे दोस्त,

उनके इंतज़ार की घड़ियां रुलाएंगी।।

सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...