Thursday, October 6, 2022

साथ चलो

 कौन जाने किसकी मंजिल है कहां

 कल हम यहां तुम वहां।।

 माना मंजिले है जुदा

मगर चंद कदम तो साथ चलो

खोलना ना दिलों के राज मगर

मगर अश्कों के हमराज बनो।।

न करना इजहार ए मोहब्बत कभी

चुभते है जो दिल में दे देना वो कांटे सभी।।

ना भि गाना हंसी की फुहार से 

भिंगा लेंगे दामन हम अश्कों की धार से।।

फूलों की राह में चुनना हमसफर

मिल जाए जो कांटे

तो बस करना खबर

कर खुद को जख्मी 

बचा लेंगे कांटो के हर वार से।।










सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...