जब से तुम मिल गए
रांहो में गुल खिल गए
भंवर में थी जिंदगी साहिल मिल गया
मिले जो तुम सारा जहां मिल गया।।
रहो ना दूर न यू खफा हो
किस्मत से मिले हो ना जुदा हो
तुम क्या जानो तुम क्या हो
मीठा सा नगमा, सुरीली सी तान हो।।
मेरी तन्हाई के हमराही, धूप में छांव हो
खोए खोए से थे तुम, तन्हा सी मैं भी
मिला है दिल को जब से तेरा सहारा
खिल सी गई जिंदगी,बेहतर लगे हर नजारा।।