Wednesday, July 27, 2022

तुम जो मिल गए

 जब से तुम मिल गए

रांहो में गुल खिल गए

भंवर में थी जिंदगी साहिल मिल गया

मिले जो तुम सारा जहां मिल गया।।

रहो ना दूर न यू खफा हो

किस्मत से मिले हो ना जुदा हो

तुम क्या जानो तुम क्या हो

मीठा सा नगमा, सुरीली सी तान हो।।

मेरी तन्हाई के हमराही, धूप में छांव हो

खोए खोए से थे तुम, तन्हा सी मैं भी

मिला है दिल को जब से तेरा सहारा

खिल सी गई जिंदगी,बेहतर लगे हर नजारा।।

Sunday, July 24, 2022

बेखबर

 पलको के चिलमन से देखा जो उसे

फासले बहुत नजर आए

मूंद ली जो पलके 

मन में बस वही नजर आए

चैन मेरा खोने लगा है।

मेरा वो जबसे होने लगा है।

देखकर उसे सुकून आ जाता है।

भीड़ में तन्हाई में बस वही नजर आता है

जब से उसके प्यार में रंगी हूं

नीद में जागी और जाग कर सोई हूं।

Saturday, July 23, 2022

अधूरा इंकार

 निगाहों से कर के इजहार

जुबां से मुकर क्यूं जाते हो?

रहते हो दिल में मेरे

घर कही और क्यों बताते हो?

नही है प्यार कह के

प्यार क्यों दिखाते हो?

जाऊं जो दूर पास

बुलाते हो क्यों?

परवाह नहीं कोई जाए चला

कहकर परवाह क्यों दिखाते हो क्यों?

परवाह नहीं जब टूटे दिल की कोई

तोड़ कर दिल मरहम क्यों लगाते हो ?

रखनी है जो दूरी

फिर सपनो में क्यों आते हो?

तोड़ हर रिश्ता

रिश्ता नया कौन सा बनाते हो?

Friday, July 22, 2022

नादान

 जाना चाहूं जो दूर और पास आ जाती हूं

बंधन नही कोई मगर बिन डोर खींची जाती हूं

छुपाना था हाल ए दिल मगर

नजरे हर राज बया कर जाती है

हो गई हूं दिल से मजबूर इस इस कदर

करना चांहू कुछ मगर कुछ कर जाती हूं

समझाती हूं खुद को मगर

आए जाता है जब नाम तेरा

नासमझ बन जाती हूं

कर लेंगे खुद को हर यादो से दूर

सोच फिर से तेरी यादों में खो जाती हूं।

सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...