Wednesday, November 27, 2019

हौसला

हौसले ने उड़ान भर ली है
उम्मीदों की उड़ान जारी है
फतह कर लिया है जहां हमने
अब आसमां छूने की बारी है
चट्टानों से डरकर
लहरों ने हार कब मानी है
छट गये दुश्वारियों के बादल
नए तेज से चमकने को
हौसले ने कर ली तैयारी है।

Monday, November 18, 2019

अस्तित्व

चाय में डूबे बिस्किट को देखकर
ये ख्याल  आया
डूब जाओ गर  किसी में
वजूद किस कदर बिखर जाता है
डूबने का घर शौक है तुझे
तो खुद में डूब जाओ
गर खुदा ना मिले
शायद खुद को ढूंढ पाओ
नदिया भी डूबकर सागर में
वजूद खो देती है
गर हुए खुद से जुदा
दुनिया भी जीने कहां देती है
जलने का है गर  शौक तुझे
 तो सूरज बन जाओ
रोशन कर खुद को
जहां को चमकाओ।

Wednesday, November 13, 2019

बचपन

सुबह की हड़बड़ी
रात का सन्नाटा
याद बहुत आता है
बचपन सुहाना
दिन के राजा थे
रातों के शहंशाह
हर खुशी पर
हक था हमारा
है जिंदगी में अब
सब कुछ मगर
ना रहा खुद पर
कोई हक हमारा
याद बहुत आता है
बचपन सुहाना।

Monday, November 11, 2019

फतह

टूट कर जो संवर गई
 वह चट्टान हूं
तप कर  बना जो
वह सोने का हार हूं
टूट कर डाली से भी
खिल गया जो
वह गुलाब हूं
हर चोट से मजबूत बने जो
वह फौलाद हूं
हजारों मील तय  करके
मिले जो सागर में
वह नदी की धार हूं
दर्द में डूब कर
लिखे जो शायरी
वो कलम की धार हूं
हैरान ना हो ए जिंदगी
तेरे हर दर्द को
हथियार बना कर
तुझसे हर जंग फतह
को तैयार हूं

Saturday, November 9, 2019

जिंदगी

लम्हा लम्हा गुजरती है जिंदगी
आधी हकीकत में आधी फसाने में
कभी रूठने में कभी मनाने में
कभी जानने में कभी जताने में
छूटता रहता है वक्त का दामन
फिसलता है समय का मोती
रिश्ते जोड़ने में निभाने में
गुजरती है उम्र सारी
लोगो को पहचान पाने में
कभी टूट कर जुड़ जाने में
कभी जुड़ कर टूट जाने में
बचती  है जो उम्र थोड़ी
वह भी निकल जाती है
क्या खोया क्या पाया?
हिसाब लगाने में।



Thursday, November 7, 2019

दर्द

दर्द का जिंदगी से रिश्ता है खास
दर्द सहकर कर ही मिलता है जिंदगी का साथ
दर्द ही कराता है रिश्ते की पहचान
सुख है घड़ी दो घड़ी
दर्द ताउम्र साथ निभाता है
दर्द के बादल में छुप कर ही
सुख का सूरज चमक पाता है
ना होना मायूस दर्द से कभी
दर्द आकर कुछ दे जाता है
सुख जाकर सब लिए जाता है

Saturday, November 2, 2019

चेहरा

एक चेहरे पर कई चेहरे छुपाते हैं लोग
जाने दूसरों से या खुद से
खुद को छुपाते हैं लोग
रख कर मन में जहर
कानों में रस घोल जाते हैं लोग
एक चेहरे पर कई चेहरे लगा ते हैं लोग
खुशियां देने के बहाने रुला जाते हैं लोग
मरहम लगाया जिसने जख्म पर कभी
उसी हाथ को जख्मी कर जाते हैं लोग
बुरी है दुनिया बहुत कह कर
खुद  बुरा कर जाते हैं लोग
कुछ यादें कुछ सबक
छोड़ जाते हैं लोग
देखना गौर से हर चेहरे को कई बार
क्योंकि एक चेहरे पर कई परत लगाते हैं लोग

सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...