किसी रोते को हंसाए,
इस तरह दिवाली मनाएं
दूर कर गम का अंधेरा,
रोशनी की किरण फैलाए
इस तरह दिवाली मनाएं।
भेदभाव की दीवार गिराए
किसी रूठे को मनाए
इस तरह दिवाली मनाएं
बिछड़ो को पास लाए
छोड़ निराशा आशा का दीप जलाए
इस तरह दिवाली मनाएं
शहीदों की शहादत को नमन कर जाए
एक दिया शहीदों के नाम जलाए
शुद्ध हो प्रकृति सब पेड़ लगाए
पटाखों से नही प्रकृति की माटी से
प्रेम का दीप जलाए
चलो इस तरह दिवाली मनाएं
दिए की रोशनी में रोग निराशा जलाए
फूटे दिलो में बस प्रेम की धार
ऐसे दिवाली मनाएं।