Wednesday, April 28, 2021

सीख

रुक सी गई है कलम , थम से गए हैं अल्फाज
पहुंच गई ऐसे मोड़ पर जिंदगी आज
हर तरफ बस रूदन,
 क्रंदन ही क्रंदन
मचा है हाहाकार
लगा है लाशों का अंबार
कर सबको दरकिनार
कुछ लोग कर रहे सांसों का व्यापार।
पर अब कुछ करना होगा
मन को मन से जुड़ना होगा
सीखना होगा बार बार
वृक्ष है धरा का श्रृंगार
देगा जीवन का वरदान
फिर नया होगा विज्ञान
अगर बची रहेगी हरियाली
लौट आएगी फिर खुशहाली।




Saturday, April 10, 2021

प्यास

 चाहता है  दिल आज


कि उड़ जाऊं उन्मुक्त गगन में ।


भर लूं तुम्हें बाहों में


या छुपा लूं निगाहों में।।


हो बातें तमाम निगाहों से


उतार लूं  तेरी धड़कने 


दिल की गहराई में


मिटा लूं मन की थकान 


आगोश की अँगडाई में।


सदियों की प्यास बुझा लूं एक लम्हे में


प्यासी थी जिंदगी मिटा लूं प्यास कतरे कतरे से

Saturday, April 3, 2021

सीख रही हुं

 जीवन का नया सबक सीख रही हूं।

अकेले थी ,अकेले रहना सीख रही हूं।।

जिंदगी की राह में बहुत लड़खड़ाए ,

अब संभालना सीख रही हूं।

खुद से ,खुद में रहना सीख रही हूं।।

बहुत कर ली गैरो से मुहब्बत ,

खुद से प्यार करना सीख रही हूं।

रोक दिया आंसुओ को ,

अब मुस्कुराना सीख रही हूं।।

कल की परवाह नहीं करती अब ,

आज में जीना सीख रही हूं।

आंधियों में बिखर गए जो

उन तिनको को जोड़ रही हूं।।

बहुत चली इशारों पर ,

अब ,खुद से चलना सीख रही हूं।

बहुत कुछ सीखा जिंदगी में

अब जीना सीख रही हूं ।।

जीवन का नया सबक सीख रही हूं।

अकेले थी , अकेले रहना सीख रही हूं।।

सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...