Friday, October 1, 2021

क्यूं आए हो?

 फिर जो तुम आए हो,

कौन सा गम नया लाए हो?


बातें जो शहद सी मीठी है,

उनमें कौन सा जहर कौन घोल लाए हो?


किस  नूर सी आंखे चमक रही  है?,

चमक में कौन सा अंधेरा छुपाए हो?


साथ रहकर भी जब साथ ना रह पाए,

हो गए जो दूर ,फिर पास क्यों आए हो?


तोड़ कर हर उम्मीद ,

कौन सी उम्मीद लगाए हो?


अब जो आए हो ,

तो क्यूं आए हो?

सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...