Thursday, September 29, 2022

आरजू

 मिटा दी हर तस्वीर तेरी

मुसुकुराती है दिल में मगर सूरत तेरी।

भुला दिया हर याद को 

रह रह कर जो याद आए

कैसे भूलूं उन बातों को?।।

वो जाहिर है लफ्जों में मेरे

मै गुमनाम सी खामोशियों में तेरे।

कैसे कहूं की क्या सहते है?

तेरे बगैर भी हम तेरे ही रहते हैं।।

क्या बताऊं किस किस कदर खास हो तुम

साथ नही फिर भी पास हो तुम।।

मांगा कहां कुछ तुमसे ज्यादा है?

रूठ जाऊं तो मना लेना बस यही इरादा है।।






सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...