Monday, January 18, 2021

तेरा जाना

     दिल है गमजदा, मन है उदास

     हूं खुद से बेखबर, तेरे जाने के बाद

                        

                भीड़ में तन्हा है राहे

       हर मोड़ पे ढूंढे तुझे बेबस निगाहें

       बता ना सके गम है क्या बस अश्क बहाए

        बसंत भी पतझड़ का अहसास कराएं

         गए हो तुम जबसे, रंग है बेरंग तबसे

          रंगी जो तेरे रंग में , बिन तेरे होली कैसे मनाएं?

           प्यासा है सावन , नैना नीर बहाए

            दीवाली भी नूर ना लाए

            दिल में है उदासी का घना अंधेरा

             बाहर दीप कैसे जलाएं?

             मुरझा गई मन मंजरी

              बिन तेरे कौन कौन खिलाएं?

              बस नमी ही नमी है आंखों में

                  दिल में है फरियाद

                     तेरे जाने 

                  तेरे जाने के बाद।













       

Sunday, January 3, 2021

खामोश अल्फाज

 चुप है शब्द मेरे खामोश से अल्फाज है

टूटा है कुछ मगर आती नहीं आवाज है

बजती थी जिनमें प्यार की धुन कभी चुप से वो साज है

न सोचा था जैसा कभी वह आज है

चाहा था न पाना जिसे कभी उसके खोने का एहसास है

वीरान से आंखों में बस इंतजार है

सपने ही सपने थे जिनमें कभी अब नमी का जहान है

मिल पाएगा मन से मन कभी बस यह सवाल है।
























सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...