दिल है गमजदा, मन है उदास
हूं खुद से बेखबर, तेरे जाने के बाद
भीड़ में तन्हा है राहे
हर मोड़ पे ढूंढे तुझे बेबस निगाहें
बता ना सके गम है क्या बस अश्क बहाए
बसंत भी पतझड़ का अहसास कराएं
गए हो तुम जबसे, रंग है बेरंग तबसे
रंगी जो तेरे रंग में , बिन तेरे होली कैसे मनाएं?
प्यासा है सावन , नैना नीर बहाए
दीवाली भी नूर ना लाए
दिल में है उदासी का घना अंधेरा
बाहर दीप कैसे जलाएं?
मुरझा गई मन मंजरी
बिन तेरे कौन कौन खिलाएं?
बस नमी ही नमी है आंखों में
दिल में है फरियाद
तेरे जाने
तेरे जाने के बाद।