Sunday, May 5, 2024

सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर

यूं चला जाता है कोई

सोचा न था।

साथ चलते चलते  अचानक

यूं छोड़ जाता है कोई 

सोचा न था।


बनकर करार बेकरारी

दे जाता है कोई

सोचा न था।


बनकर चाहत नफरत दे जाता है कोई 

सोचा न था।


थी जिसके एक झलक की बेताबी

उस से निगाह बचाएगा कोई

सोचा न था।


बनकर अपना बेगाना बना जाता है कोई 

सोचा न था।


माना था हमसफर जिसे

वो अजनबी हो जायेगा

सोचा न था।।

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सोचा न था

 निगाहों से दिल में उतरकर यूं चला जाता है कोई सोचा न था। साथ चलते चलते  अचानक यूं छोड़ जाता है कोई  सोचा न था। बनकर करार बेकरारी दे जाता है ...