चाहत थी जिसमे कभी डूब जाने की
है तलब उस किनारे से दूर जाने की।
जिस चेहरे से हटती नही थी निगाहें
कोशिश है उस चेहरे को भूल जाने की।
जिन रांहो पे चलने की रही बेताबी
कोशिश है उन राहों से बच के जाने की।
वजह थी जो कभी मुस्कुराने की
बन गई वजह खुद को रुलाने की।
यादें जो वजह थी खुश हो जाने की
जारी है कोशिश उन्हें मिटाने की।।
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